इस्लाम पर हिंदी में शायरी |

आज मैं आपको दुनिया के सबसे खूबसूरत और सच्चे मज़हब के ऊपर लिखने जा रहा हूँ जी हाँ आज इस पोस्ट में आपको इस्लाम के ऊपर हिंदी शायरी देने जा रहा हूँ। इस्लाम एक ऐसा मजहब है जो कभी किसी का बुरा नहीं सोचता इस्लाम अल्लाह का दीन है। इस पोस्ट के अंदर आपको इस्लामिक शायरी इमेजेज, इस्लामिक शायरी स्टेटस, नबी की शायरी इन हिंदी, और भी इस्लाम से जुडी शायरियां पढ़ने को मिलेंगी।

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इस्लाम पर हिंदी में शायरी

अपने परदे करने पर फक्र करना,
क्युकी दुनिया में किताबे बहुत है,
लेकिन गिलाफ सिर्फ क़ुरान मजीद पर है।


कुछ खो के बहुत कुछ पाया है,
गलत राह छोड़ कर मुसाफिर लौट आया है,
सुकून मिलता है सजदों में,
वक़्त लगा पर सही समाज आया है।


दौर ऐ इम्तेहान गुज़र जायगा, हक़ ऐ इस्लाम का,
फिर बुलंद होगा आलम दीन ऐ इस्लाम का।


इत्मीनान क़ल्ब है हमारा दीन,
तुम उदास होते हो मुस्लमान हो कर।


मोहब्बत हो गई है मुझे फिर से,
नमाज़ क़ुरआन और मेरे दीन से।


सब्र करो,
रब कभी गम की बारिश बरसता है तो,
कभी खुशियों के सावन भी लाता है।


सब से पहले दुआ,
दुआ के बाद सब्र,
सब्र के बाद यक़ीन,
फिर आपका सफर बेहतरीन।


जिसमे जितना सबर होगा,
उसकी दुआओ में उतना असर होगा।


दिल में एक जुस्तुजू जगी है,
हसरत भी जगी है जीने की,
दिल की तार जुडी है कहीं से,
और वो रौशनी है मदीने की।


तेरे हर नेक अमाल से
दुश्मन तेरा कमजोर होता जायगा,
तू बस खुदा पर अपना अक़ीदा मज़बूत रखना,
शैतान खुद बा खुद पस्त होता जायगा।।


बदला लेने वालो से मत डरो,
माफ़ करने वालो से डरो,
क्युकी उनका बदला फिर अल्लाह लेता है।


आप जितना ईमान की गहराई में जायँगे,
ज़िन्दगी उतनी ही आसान होती जायगी।


जो तकलीफ तुम्हे अल्लाह के करीब करदे,
वो न्यामत है।


इस्लामिक शायरी स्टेटस इन हिंदी

सब्र का रास्ता चुन लो,
सब्र की मंज़िल जन्नत है।


अल्लाह तुम्हे सब्र के रास्तो से गुज़र कर ही,
शुक्र की मंज़िलो तक लाना चाहता है,
अगर आज़माइश के लिए तुम्हे चुना गया है,
तो खुश हो जाओ क्युकी आज़माइश वो उन्ही की लेता है,
जिन्हे अपना बनाना चाहता है।


और उस दिन सब मोहब्बते झूठी लगेगी,
जब सुनोगे, या रब्ब मेरी उम्मत, या रब्ब मेरी उम्मत।


मिट जायगा गुनाहो का तसव्वुर इस जहाँ से,
अगर हो जाये यक़ीन की खुदा देख रहा।


सुकून चाहते हो तो नमाज़ पढ़ो,
और अगर सेहत चाहते हो तो रोज़ा रखो।


जो शख्स तुम्हे अल्लाह की तरफ ले जाये,
उससे मोहब्बत नहीं बल्कि बेशुमार मोहबत करे।


या अल्लाह हर नफ़्स तेरी देवनी हो जायगी,
जब हर शय ज़ुबा तेरा कलमा दोहराएगी।


जब माहे रमजान के चाँद का नज़ारा हुआ,
रमजान हमारे लिए गुनाहो की बक्शीश का सहारा हुआ।


नबी पर शायरी इन हिंदी

कुछ तक़लीफो की दवा नहीं होती,
सजदा ही बस एक सुकून का जरिया होता है।


गुस्सा और तूफ़ान दोनों एक ही जैसे है,
ठंडा होने के बाद पता चलता है की नुकसान कितना हुआ।


दुआ है उस चीज़ के लिए मुझे मेरे नसीब का लिखा मिले,
ज़्यादा नहीं मुझे बस मेरे रब, मेहनत का किया मिले।


वो नमाज़ ऐ इश्क़ हमें भी सीखा या रब,
जिसमे हमें सिर्फ अज़ान का इन्तेज़र हो।


में कैसे शिकायत कर सकता हूँ मेरी तक़दीर से,
जब के इसको लिखने वाला 70 माँ से भी ज़्यादा मोहब्बत करता है।


तौहीद की अमानत सीनो में है हमारे,
आसान नहीं मिटाना नमो निशान हमारा।


जब मेरा अल्लाह कुन कह देता है
तो फिर इन ज़मीनी खुदाओ का ज़ोर नहीं चलता।


फिक्र ऐ दुनिया कर के देखा,
फिक्र ऐ उक़्बा कर के देख,
सब को अपना कर के देखा,
रब को अपना कर के देख।


या खुदा मेरी उस दुआ को कब क़ुबूल फरमाएगा,
की वो गैर मेहरम मेरा मेहरम बन जायगा।।


तू गुमराह कैसे हो गया अपने मुकाम से,
अब लौट आ इधर में अफ़ज़ल किताब हूँ,
फुरसत अगर मिले तो मुझे पड़ना ज़रूर,
मैं तेरी हर उलझनों का मुकम्मल जवाब हूँ।


आशिकी उनसे पूछिए जिनके लबो पे,
दुरुद औ सलाम रहता है,
उनके हर ख्याल में हुज़ूर का ही ख्याल रहता है।


अकेलेपन अल्लाह को याद कर के देखो,
पूरी दुनिया साथ दिखेगी।


हर गम तकलीफ, दर्द और हर सवाल का जवाब
सिर्फ अल्लाह है।


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