50+ परिचय के लिए शायरी हिंदी में | Parichye ke liye shayari

परिचय के लिए शायरी

दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम बतायंगे की आप अपना परिचय शायरी के माध्यम से कैसे दे सकते है यानी की इस पोस्ट में हम आपके परिचय के लिए शायरी हिंदी में देने जा रहे है। जो की आपको बेहद पसंद आएगी।

दोस्तों वो कहते है ना की किसी के दिल पे राज करने के लिए हमारी पहली झलक और पहला इम्प्रेशन ही काफी होता है। और अगर वो आप बिलकुल अलग अंदाज में कर दे तो एक ही सेकंड में हजारो दिलो पर राज कर सकते है

तो हमारी परिचय के लिए शायरी को जरूर से पड़े इसमें हमने बहोत सी ऐसी शायरी दी हे जो आपको दूसरे लोगो के सामने अपना परिचय देने में मदद करेगी। और आप को दिलो पे राज करने  में मदद करेगी

परिचय के लिए शायरी


परिचय के लिए शायरी
परिचय के लिए शायरी

मन्नते बस्तूर, एक पहचान मांगता हूँ ,
कुछ और नहीं बस एक नाम मांगता हूँ।


परिचय के लिए शायरी

आप पहचानते हो मुझे इसलिए बुरा हु में,
मौका मिले तो पूछना उनसे मेरे बारे में, जो जानते है मुझे।


परिचय के लिए शायरी

पहचान की वजह से हुनर की वह वही तो जायज़ है,
पर हुनर की वजह से पहचान बन जाये तो क्या बात है।


यह मेरी शिकायत नहीं है। इसे में तेरा एहसान मानता हूँ,
इसे तोहिन नहीं समझता, बल्कि मेरी दोस्ती का इनाम मानता हूँ,
मेरी रूह का फरिश्ता आज मुझसे कुछ सवालो के जवाब मांगता है ।
आज मेरे घर का आइना मुझसे मेरी पहचान मांगता है।


इंसान की पहचान शायरी

पहचान खुद की बनाओ,
दुसरो की पहचान से तो आज भी कोई खुद
को शहंशाह ही समझता है।

इंसान की पहचान शायरी


इंसान की पहचान शायरी

सब अच्छे ही होते है,
लेकिन कभी कभी पहचान बुरे वक़्त में होती है।


पहचान तो सबसे है पर भरोसा आज भी खुद पर है।


कभी कागज़ कभी कलम,
कभी कहानी कभी किरदार बन जाता हूँ,
कभी अजनबी कभी परिचित,
कभी मित्र कभी प्यार बन जाता हूँ।


माँ आपने जन्म दिया है मुझे
तो में एक नया इतहास बनाना चाहती हूँ,
माँ आपके नाम को अपनी कविताओं में सजाना चाहती हूँ,
मैं आपकी बिटिया हूँ,
यह सबको बताना चाहती हूँ,


तेरे होने की एहसास से ही अब मेरी पहचान होती है,
तुझे पाने के सिवा दिल दिल में कोई और हसरत नहीं है।


वक़्त बुरा आता है तो हालत बुरे हो जाते है,
सदियों पुराने रिश्ते टूटने की कगार पे आ जाते है,
खुद पे यकीन कर खुद की पहचान बनाना यारो,
साथ निभाने की कस्मे खाने वाले, वक़्त आने पर इंसानियत तक भूल जाते है।


तुम तकलीफ को भी हया समझते हो,
महज़ब लगता है, तार्रुफ़ नहीं हुआ


मांगती है मेरे होने की निशाने,
इन्हे मेरा तार्रुफ़ चाहिए,
मेरी तन्हाईया भी मुझे पहचान से इंकार करती है।


हर रात तरफ करता है मुझे मेरा ये बिस्तर,
हर सुबहः बेगाना सा निकल जाता हूँ,
सो किरदार निभाने को।


तो दोस्तों यह थी हमारी आज की कुछ बेहतरीन और शानदार परिचय के लिए शायरी हिंदी में, जो आपको बेहद पसंद आई होगी,

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