बदलाव पर शायरी | latest – badlav shayari in hindi (2022)

इस बिगड़ते वक़्त को देखते हुए एक ही चीज़ की याद आती है वो है की आखिर हमारे समाज में बदलाव कब आएगा । और इसी के लिए मेने आज यह आर्टिकल लिखा है जिसमे बदलाव पर हिंदी शायरी देने की कोशिश की है । अगर आप को यह पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर से शेयर करे ।

बदलाव पर शायरी, बदलाव शायरी इन हिंदी, बदलाव पर शायरी इन हिंदी, बदलाव पर सुविचार, बदलाव पर कविता, बदलाव पर शेर, Badlav par Shayari, Badlav par suvichar, परिवर्तन पर शायरी,


बदलाव पर शायरी

बदलाव Quotes, status, shayari, poetry & thoughts

नए ज़माने का दौर है साहब,
खुद में बदलाव लाना ही बदला लेना है ।।


समाज सुधारने से बेहतर है
की पहले खुद को सुधारो ।।


बदलते लोगो को उगते सूरज को सलाम करते देखा है,
मैंने तो वक़्त को भी अपना बयान बदलते देखा है ।।


घर की जिम्मेदारियों के खातिर
मैं अपने वक़्त को बेचने लगा हूँ,
और शायद अब में बड़ा हो गया हूँ,
लोग क्या कहेंगे यह सोचने लगा हूँ ।।


बदला लेने की नहीं
खुद में बदलाव लेन की सोच रखो ।।


बदला मेरी फितरत में नहीं,
इसलिए खुद को बदलने की सोच रहा हूँ ।


मुझे बदलना पड़ा वक़्त के साथ,
दुनिया ने बड़ी जल्दी कमजोरियां समझ ली मेरी ।।


नाम इस लिए ऊँचा है हमारा,
क्युकी हम बदला लेने की नहीं बदलाव लेन की सोच रखते है ।।


तकदीर ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम,
बहुत संभल कर चले, फिर भी फिसल गए हम,
किसी ने भरोसा तोड़ा तो किसी ने दिल,
और लोगो को लगता है बहुत बदल गए हम ।।


खुद को खुद के लिए बदला है,
यह मत समझना की ये बदला है ।।


बदलाव शायरी इन हिंदी

Badalna Shayari In hindi - बदलाव शायरी - बदलना शायरी -

जो अपने नहीं उन्हें मानाने में लगे है,
गैरों को अपनापन दिखाने में लगे है,
कोई नहीं है यहाँ बिना मुखोटे का,
सब असली चेहरे छिपाने में लगे है ।।


दुनिया का सबसे मुश्किल काम :- अपना सुधार,
और
दुनिया का सबसे आसान काम :- दुसरो की बुराई


नहीं बदल सकते हम खुद को औरो के हिसाब से,
एक लिबास हमें भी दिया है खुदा ने अपने हिसाब से ।।


लफ्ज़ भी बदलते है, लफ्ज़ के मायने भी,
लोग किरदार बदलते है और आईने भी ।।


हर बात का बदला लेना ज़रूरी तो नहीं साहब,
कभी कभी बदल जाना ही काफी होता है ।।


बदले नहीं है हम,
बस दुनिया को जान गए है ।


जिस दिन मेरी ख़ामोशी टूटी,
उस दिन तुम्हारी शराफत के जनाजे टूट जायेंगे ।


समंदर खो कर बूंदो की हिफज़ार कर रहा हूँ,
ऐ ज़िन्दगी मैं थोड़ी थोड़ी बगावत कर रहा हूँ ।


हम उन सूखे पत्तो की तरह है,
अगर जले तो पूरा जंगल ही शमशान बना देंगे ।


तूने जो दी वो तो एक खरोच थी,
अब मैं जो दूंगा वो घाव देखना,
तेरा बदलना तो मालूम था,
अब मे बदलूंगा तो बदलाव देखना ।


बदलाव पर शायरी इन हिंदी

 

इंसान घर बदलता है,
रिश्ते बदलता है, दोस्त बदलता है,
फिर भी परेशान रहता है क्योकि,
वो खुद को नहीं बदलता ।।


बदला जो मिजाज हमने तो तुम हैरान क्यों हो,
मेरे बदले मिजाज के तो जिम्मेदार तुम खुद हो ।।


उसे शिकायत है की मुझे बदल दिया वक़्त ने,
कभी खुद से भी सवाल करना की क्या तुम वही हो ?


एक अलग सी दुनिया खींच रही है,
अपनी और,
शायद कुछ बदलाव चाहती है मुझ में।


यह वक़्त है,
रुकता नहीं है,
लेकिन बदलता जरूर है ।


ज़िन्दगी में कुछ बदलाव जरूरी होते हैं,
क्योकि वही कुछ बदलाव आप को और भी आगे ले जाते है ।


कितना भी बदलो फिसलता जरूर है,
यह वक़्त है साहब बदलता जरूर है ।।


हमारा वक़्त बदला,
और उनकी पसंद ।।


वक़्त के साथ साथ मै बदलता गया को छोड़के
खुदको बेहतर बनाने लगा।


बदलने लगे अब हम भी
किसी गैर का अपना पन देखकर ।।


बदलाव पर सुविचार

बदलाव पर शायरी

 

हमेशा दर्द में खोये रहना अच्छा नहीं होता,
एक बार आप खुश हो के तो देखो,
दुनिया कितने रूप बदलते है ।


दुसरो के लिए मेने अपने अरमानो को कुचलते देखा,
हाँ, इश्क़ में मेने खुद को बदलते देखा ।।


बदला तो वो लेते है जिनके दिल छोटे होते है,
हम तो माफ़ करके दिल से निकाल देते है ।।


कितना कुछ बदल गया है,
एक मेरी हार से ।।


ज़िन्दगी में समस्याए हर दिन खड़ी होती है ।
जीत उनकी होती है जिनकी सोच बड़ी होती है ।


बदला लेने से ज़्यादा मज़ा,
बदला जाने में है ।।


कहते हो बहुत बदल गई हो,
क्या करू ! मेहेरबानी तो तुम्हारी है।


बदलाव जरुरी है पर बदलाव लोगो की आदत मैं,
करो, उन्हें बदलने की कोशिश मत करो ।।


खामोशियाँ बयां कर रही है बदलाव को,
लगता है तजुर्बे ने जख्म गहरे दिया है ।


सब कुछ बदल गया,
फिर कुछ नहीं बदला ।।


बदलाव पर शेर

बदला शायरी - बदलना शायरी - Badalna shayari - badlav shayari -

रोज़ बदलते है नियम ज़िन्दगी के,
रोज़ फैसले भी बदल जाते है,
सब उनके हक़ में आते ही,
लोग वदो से मुकर जाते हो ।।


हालत तो ना जाने कब बदलेंगे,
पर लोग जरूर बदल गए ।।


अब फ़र्क़ नहीं पड़ता किसे थामा और किसने छोड़ा किसने हाथ,
वक़्त के साथ में आये बदलाव ।


खुशियां तलबगार थी उसकी,
वक़्त रहते ही जिसने रस्ते बदल दिए ।


एक बात याद रखना लोग बदल जाते है,
जब उन्हें आपसे बेहतर लोग मिल जाते है ।।


रास्ते बदलना तो उनकी आदत थी,
हम बेवजह उनसे खुशियों की आस लगा के बैठे थे ।।


वक़्त और करवट एक जैसे होते है,
इधर ये बदल रहे है उधर हम बदल रहे है ।।


यह भी पढ़े :-