बिना गलती की सजा शायरी | माफ़ी की शायरी | प्यार करने की सज़ा शायरी इन हिंदी |
गलती का एहसास शायरी | गलती पर शायरी | गलती शायरी
बिना गलती की सजा भी,
किसी गलती की सजा से कम थोड़ी है।
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मुझसे क्या गलती हुई मैं समझ नहीं पाया,
बिछड़ के तुझसे इन आँखों में आंसू आया,
तेरे बिना एक पल भी जी ना पाया ।।
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कैसे भूल जाऊं तेरा यह मासूम सा चेहरा,
इस चेहरे के आगे मुझे कुछ नज़र नहीं आया,
कितना प्यार है तुमसे दुनिया समझ गई,
बस एक तुझे ही समझ नहीं आया।।
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बिना गलती की सजा शायरी
सुनो ना तुम बार बार गलती करती हो,
तुम इश्क़ करती हो या नर्सरी में पड़ती हो।
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लाइफ समझदारी का नाम नहीं उसमे,
गलतियां भी करनी भी जरुरी है,
क्युकी अक्सर गलतियों से अपनों की पहचान
हो जाया करती है।
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मेरी गलती होगी तो मुझे बताओगे,
किसी तीसरे को हमारे बिच में नहीं लाओगे,
यही वादे थे मेरे जो उनसे निभाए नहीं गए,
अगर यह गलत है तो, सही क्या है बताओ मुझे ।।
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लगती और इश्क़ किया नहीं जाता हो जाता है,
मलाल इस बात का है,
गलती से इश्क़ और इश्क़ में गलती हो ही
जाती है।
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माफ़ी की शायरी
किसी की ज़िन्दगी किसी और गलती से बिखर जाती है,
हँसते मुस्कुराते चेहरे से हंसी छीन ली जाती है,
पूरा दिन गुज़र जाता है और पूछता है यह दिल,
बिना मेरी गलती की यह सजा केसी।
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जितनी शिद्दद से तुम मेरी गलतियां याद रखते हो,
सुनो वक़्त निकल कर मेरी मोहब्बत याद कर लेना।
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समाज में कुछ लोग खुद कठघरे में खड़े है,
और हमें हमारी गलती की सजा सुनाया करते है।
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रिश्तो में तकरार ख़तम करनी पड़ती है,
कभी बिना गलती के गलती की सजा भुगतनी पड़ती है।
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प्यार करने की सज़ा शायरी इन हिंदी
बड़ी सब्र से सहने की कोशिश कर रहा हु,
खुद से की गई गलतियों की सजा को।
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ना ज़िद है ना कोई गुरुर है हमें,
बस तुम्हे पाने का सुरूर है हमें,
इश्क़ गुनाह है तो गलती की हमने,
सज़ा जो भी हो मंजूर है हमें।
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दर्द तो तब हुआ जब उस गलती की सजा मिली हमें,
जो हमने कभी की ही नहीं।
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ज़िन्दगी ने दिखाया हमें कुछ ऐसा मुखाम,
जहां गलती नहीं थी हमारी,
वहा भी आया हमारा नाम।
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गलतियां भी होंगी और गलत भी समझा जायगा,
यह ज़िन्दगी है जनाब, यहाँ तारीफें भी होंगी और कोसा भी जायगा।
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गलती का एहसास शायरी
किसी के साथ गलत करके अपनी बारी का इंतज़ार जरूर करना.
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चाहे कुछ भी हो जाये,
गुस्से में कभी भी गलत मत बोलना,
मुंड तो सही हो जाता है,
लेकिन बोली हुई बातें वापस नहीं आती।
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अब टूट गया है दिल तो सवाल क्या करे,
खुद ही पसंद किया था, तो बवाल क्या करे।
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गलती पर शायरी
किसी का कभी इतना भी दिल ना दुखाओ,
के खुदा के सामने वो तुम्हारा नाम लेके रो पड़े।
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कई सपने ऐसे होते है, जो दीखते तो सुहाने है,
पर हक़ीक़त का राज़ होता है छुपा हुआ,
प्यार का जोश भी कुछ ऐसा ही है,
मंज़िल तो हसीं होती है, पर मुकाम दर्द भरा।
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तुझे चाहना मेरी गलती थी,
और तेरी यादों में जीना मेरी सजा.
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गलती शायरी
अपनी गलती की सजा सिर्फ माफ़ी नहीं।
हर रोज़ खुद में टूटना, क्या इतना काफी नहीं।।
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कभी कभी बड़ा गलत कर देता हु,
बिन मांगे ही गलत कर देता हु।
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