Shayari on beti ki bidaai
जो आ जाए एक बार घर में तो बरकत होती है
जनाब बेटियां तो घर की रेहमत होती है ।।
हिस्सा लेकर के जब बेटे अलग हो जायँगे
तब याद आएगी कोख में मारी गई बेटी ..
लड़किया खिलौना नहीं होती साहब
माँ बाप उन्हें प्यार से बस गिडिया बोलते है ..
बड़ी हो जाती है जब बेटियां
फिर अपना दर्द, यह बताया नहीं करती,
फीका पड़ गया था माँ का चेहरा,
जब भाई को खिलते देख मेने कहा
दादी मुझे भी इतने प्यार से खिलाती थी ना माँ ..
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